गोल बेस्‍ड इनवेस्‍ट‍िंग क्‍या है?आसानी से पूरे होंगे टारगेट और म‍िलेगा दमदार र‍िटर्न

What Is Goal Based Investing: लाइफ में हर क‍िसी की ख्वाहिश कुछ न कुछ बड़ा करने की होती है. ये ख्वाहिशें सभी की अलग-अलग जैसे-कही घूमने जाना या गाड़ी खरीदना या अपना घर खरीदना या बच्चों की पढ़ाई का खर्च उठाना आद‍ि की हो सकती हैं. कुछ लोग अपने रिटायरम

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What Is Goal Based Investing: लाइफ में हर क‍िसी की ख्वाहिश कुछ न कुछ बड़ा करने की होती है. ये ख्वाहिशें सभी की अलग-अलग जैसे-कही घूमने जाना या गाड़ी खरीदना या अपना घर खरीदना या बच्चों की पढ़ाई का खर्च उठाना आद‍ि की हो सकती हैं. कुछ लोग अपने रिटायरमेंट को लेकर भी प्‍लान करते हैं. लेक‍िन यह सब आप केवल सपने देखने से नहीं कर सकते. इसके ल‍िए जरूरी होता है आपका सोच-समझकर प्लानिंग करना ओर नियम से सेव‍िंग करना. इतना ही नहीं आपका सही जगह पर निवेश करना भी जरूरी होता है. इन सब मामलों में आपकी 'टारगेट बेस्‍ड सेव‍िंग' करती है.

महंगाई और गोल पूरा करने में लगने वाले समय का ध्यान रखें

न‍िवेश आपका प्रॉपर्टी, म्‍युचुअल फंड या फ‍िर गोल्‍ड आद‍ि क‍िसी में भी हो सकता है. इसके ल‍िए आपको रकम निकालते समय महंगाई और हर गोल को पूरा करने में लगने वाले समय को भी ध्यान में रखना चाह‍िए. यही दोनों चीजें यह तय करेंगी कि आपको कितना पैसा सेव करना है. अपना गोल सेट करने के बाद सही कदम है क‍ि आप यह हिसाब लगाए क‍ि उसके ल‍िए आपको कितने पैसे की जरूरत होगी. यह समझने के ल‍िए आपको महंगाई और हर गोल को पूरा करने में लगने वाला समय को पहचानने की जरूरत होगी.

गोल बेस्‍ड इनवेस्‍टमेंट स्‍कीम पर करें फोकस पॉलिसीबाजार के इनवेस्‍टमेंट हेड विवेक जैन कहते हैं क‍ि आपको अपना सपनों का घर खरीदना हो या बच्चे की एजुकेशन के ल‍िए सेव‍िंग करनी हो या आप अपना रिटायरमेंट प्‍लान कर रहे हो. इन सभी के ल‍िए आपको गोल बेस्‍ड इनवेस्‍टमेंट स्‍कीम पर फोकस करना चाह‍िए. उदाहरण के लिए यदि आप 35 साल की उम्र में रिटायरमेंट का प्‍लान करना शुरू कर रहे हैं तो और आप अगले 25 साल में हर महीने 20,000 रुपये अलग कर सकते हैं तो बाजार से जुड़े प्रोडक्‍ट में एवरेज 12% के रिटर्न पर आप रिटायरमेंट के लिए 3.8 करोड़ रुपये तक जमा कर सकते हैं. गोल बेस्‍ड इनवेस्‍टमेंट करते समय आपको नीचे दी गई कुछ बातों का ध्‍यान रखना चाह‍िए-

अपने गोल को पहचानकर प्र‍ियोर‍िटी सेट करें सबसे पहले, अपने सभी फाइनेंश‍ियल गोल्‍स की एक ल‍िस्‍ट तैयार करें. इसके बाद इन गोल को उनके महत्व और तत्काल जरूरत के हिसाब से प्र‍ियोर‍िटी सेट करें. इससे आपको यह समझने में मदद मिलेगी कि आपको अपना पैसा कहां पर लगाना चाहिए.

गोल के ह‍िसाब से जरूरी रकम का ह‍िसाब दूसरे नंबर पर आप अपने गोल के लिए जरूरी रकम का पता लगाएं. अपने हर गोल को पूरा करने के लिए आपको वास्तव में कितने पैसे की जरूरत होगी. यह समझना जरूरी है. इसके लिए आपको दो चीजों का ध्यान रखना होगा. इसमें से पहली महंगाई और दूसरा आपके टारगेट को पूरा होने में लगने वाला समय.

टारगेट के ह‍िसाब से सही इनवेस्‍टमेंट करें हर टारगेट को पूरा होने में लगने वाले समय और उसमें शामिल र‍िस्‍क के आधार पर, आपको अपना पैसा अलग-अलग जगह पर न‍िवेश करना चाह‍िए. जल्दी पूरे होने वाले गोल के लिए कम जोखिम वाले निवेश सही रहते हैं. वहीं, दूर के गोल के लिए आप थोड़ा ज्यादा र‍िस्‍क ले सकते हैं.

गोल के लिए सही निवेश का तरीका चुनें अपने हर गोल के लिए अलग-अलग तरह से पैसा लगाना फायदेमंद रहता है. जल्दी पूरे होने वाले गोल के लिए, आप कम र‍िस्‍क वाले निवेश का तरीके चुन सकते हैं. जैसे फिक्स्ड डिपॉजिट, कम समय वाली बॉन्ड्स, या ल‍िक्‍व‍िड फंड्स आद‍ि. दूसरे दूर के लक्ष्यों के लिए आप थोड़ा ज्यादा र‍िस्‍क ले सकते हैं जैसे आप शेयर, म्यूचुअल फंड्स या ईटीएफ में निवेश कर सकते हैं.

रेगुलर र‍िव्‍यू करें और रीबैलेंस करें समय-समय पर आप अपने गोल और इनवेस्‍टमेंट पर नजर रखें. जरूरत के हिसाब से अपने निवेश को रीबैलेंस (rebalance) करें. यह इस बात को तय करेगा क‍ि आपका पैसा बदलते गोल और र‍िस्‍क उठाने की क्षमता के हिसाब से लगा हुआ है.

ऑटोमेट‍िक इनवेस्‍टमेंट अपनी सैलरी से इनवेस्‍टमेंट अकाउंट में ऑटोमेट‍िक पैसा ट्रांसफर करने की सुविधा शुरू करें. इसका फायदा यह होगा क‍ि आप अपने गोल को पूरा करने के लिए लगातार पैसे जमा कर रहे हैं. साथ ही इसके ल‍िए आपको हर बार परेशान भी नहीं होना पड़ेगा.

न‍िवेश के प्रत‍ि अनुशास‍ित रहें आप जो भी इनवेस्‍टमेंट प्‍लान‍िंग करें उसके प्रत‍ि हमेशा अनुशास‍ित रहे. इसके मतलब यह हुआ क‍ि आप सैलरी आने पर सबसे पहले अपना न‍िवेश करें. साथ ही बाजार में भले ही उतार-चढ़ाव हो. भावनाओं मं बहकर कोई ऐसा फैसला न लें, जिससे आपके लंबे समय के फाइनेंश‍ियल गोल को क‍िसी तरह का खतरा हो.

निवेश पर नजर बनाए रखें न‍िवेश करते समय आपको सतर्क रहना होगा. यह देखते रहें क‍ि आपका अलग-अलग गोल को ध्‍यान में रखकर क‍िया गया निवेश क‍िस तरह का प्रदर्शन कर रहा है. यद‍ि जरूरत हो तो अपने निवेश में लगने वाली रकम या निवेश की रणनीति में बदलाव करें ताकि आप अपने गोल से दूर न हों.

जरूरत पर क‍िसी जानकार की सलाह लें यद‍ि आपको यह समझने में परेशानी हो रही है कि आपको क्या करना चाहिए या कहां पर न‍िवेश करना चाह‍िए तो क‍िसी भी फाइनेंश‍ियल एडवाइजर से सलाह लेने के बारे में सोच सकते हैं. ये एडवाइजर आपके गोल और र‍िस्‍क उठाने की क्षमता के हिसाब से एक स्‍पेशल इनवेस्‍टमेंट प्‍लान बनाने में आपकी मदद कर सकते हैं.

(ड‍िस्‍क्‍लेमर: जी न्‍यूज क‍िसी भी प्रकार के न‍िवेश की सलाह नहीं देता. क‍िसी भी तरह का इनवेस्‍टमेंट करने से पहले एक्‍सपर्ट की सलाह अवश्‍य लें.)

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मनोज शर्मा

मनोज शर्मा (जन्म 1968) स्वर्णिम भारत के संस्थापक-प्रकाशक , प्रधान संपादक और मेन्टम सॉफ्टवेयर प्राइवेट लिमिटेड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी हैं।

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